
gmedianews24.com/सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 73 से अधिक याचिकाओं पर आज दूसरे दिन की सुनवाई जारी है. यह अधिनियम 8 अप्रैल, 2025 को लागू हुआ था और इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियमन में सुधार लाना बताया गया है. केंद्र सरकार, राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड एक हफ्ते के अंदर अपना जवाब दाखिल करें. अगले आदेश तक वक्फ में किसी भी नई नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट अब अगली सुनवाई 5 मई को करेगा.
सीजेआई ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि अगली सुनवाई में केवल 5 रिट याचिकाकर्ता ही अदालत में उपस्थित रहेंगे. अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी पक्ष आपस में मिलकर अपनी पांच आपत्तियों का निर्धारण करें. इससे पूर्व, उच्चतम न्यायालय ने वक्फ कानून पर केंद्र सरकार को 7 दिनों का समय दिया है. केंद्र के उत्तर आने तक वक्फ संपत्ति की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा, अर्थात् सरकार के उत्तर तक यथास्थिति बनी रहेगी और नए कानून के तहत अगले आदेश तक कोई नई नियुक्तियां नहीं की जाएंगी.
CJI ने कही ये बात
CJI ने कहा कि जो संपत्तियां वक्फ घोषित हैं या रजिस्टर्ड हैं, उन्हें अभी जैसी स्थिति में रहने दिया जाए. सिब्बल ने कहा कि इसमें ‘वक्फ बाय यूजर’ भी जोड़ दीजिए. जिस पर CJI ने कहा,’मैं आदेश लिखवा रहा हूं, बीच में मत बोलिए.’ CJI ने आगे कहा कि सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा है कि सरकार 7 दिन में जवाब दाखिल करेगी, और तब तक वक्फ बोर्ड या काउंसिल में कोई नई नियुक्ति नहीं होगी. CJI ने कहा, ‘हम यह बात रिकॉर्ड में दर्ज कर रहे हैं. सरकार 7 दिन में जवाब दे और उसके बाद याचिकाकर्ता 5 दिन में अपना जवाब दाखिल करें.’
‘CJI ने पूछा ये सवाल
CJI ने पूछा-क्या 1995 के कानून के तहत जो संपत्तियां वक्फ में रजिस्टर्ड हैं, उन पर अभी कोई कार्रवाई नहीं होगी? SG ने जवाब दिया-यह बात खुद कानून में शामिल है. CJI ने कहा – ठीक है, लेकिन फिलहाल वक्फ बोर्ड या वक्फ काउंसिल में कोई नई नियुक्ति न की जाए.
अगले आदेश तक वक्फ में कोई नई नियुक्ति नहीं
अगले आदेश तक वक्फ में किसी भी नई नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम आदेश जारी किया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि सुनवाई के दौरान एसजी मेहता ने बताया कि प्रतिवादी 7 दिनों के भीतर एक संक्षिप्त जवाब प्रस्तुत करना चाहते हैं और यह आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई तक 2025 अधिनियम के तहत बोर्ड और परिषदों में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि पहले से घोषित यूजर्स, जिनमें वक्फ भी शामिल है, की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होगा. जवाब 7 दिनों के भीतर प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है, और उस पर जवाब सेवा के 5 दिनों के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए.
लाइव प्रसारण की गई मांग
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि वक्फ संशोधन अधिनियम से संबंधित मामले की सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जाए.