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बसंत पंचमी के दिन इस दिशा में स्थापित करें मां सरस्वती की प्रतिमा, जानें नियम

gmedianews24( source) : हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 02 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी है। यह दिन देवी सरस्वती की पूजा-आराधना के लिए खास दिन माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,बसंत पंचमी के दिन बुद्धि,ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती की पूजा करने से करियर में आ रही अड़चनें दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। सनातन धर्म में देवी-देवताओं की सही नियम से पूजा करने के साथ उनकी मूर्तियों को भी सही दिशा में रखना अनिवार्य माना जाता है। ऐसे में अगर आप भी बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करना चाहते हैं, तो दिशा समेत वास्तु के कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने के वास्तु नियम…

कैसे स्थापित करें मां शारदा की प्रतिमा?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, देवी सरस्वती की प्रतिमा पूर्व दिशा में स्थापित करना अति कल्याणकारी माना जाता है। यह सूर्योदय की दिशा होती है। मान्यता है कि इस दिशा में मां शारदा की प्रतिमा रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पूर्व दिशा में मां सरस्वकी की मूर्ति रखने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। विद्यार्थियों को पूर्व दिशा में मुख करके पढ़ाई करनी चाहिए।

वास्तु के नियमों के अनुसार, उत्तर दिशा में देवी सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने से मां सरस्वती का आशीर्वाद पाया जा सकता है। मान्यता है कि इस दिशा में मां शारदा की प्रतिमा स्थापित करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। लाइफ में पॉजिटिविटी बनाए रखने और मां सरस्वकी की कृपा बनाए रखने के लिए इस दिशा में देवी की प्रतिमा स्थापित करें और रोजाना घी का दीपक जलाकर उनकी पूजा करें।

वास्तु में उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण को ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता की दिशा माना गया है। मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने के लिए यह सबसे शुभ दिशा मानी जाती है। मान्यता है कि ईशान कोण में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित करके और रोजा सुबह विधि-विधान से पूजा करना चाहिए। इसे मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और करियर में सफलता का आशीर्वाद देती है।

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