gmedianews24/नई दिल्ली : भारत में कोविड-19 के सब-वैरिएंट जेएन.1 (JN.1) की कुल मामलों की संख्या 157 हो गई है. इनमें केरल में सबसे ज्यादा 78 मामले पाए गए हैं, इसके बाद गुजरात में 34 मामले दर्ज किए गए हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गुरुवार (28 दिसंबर) को इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की ओर से अपडेट किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है.
पिछले कुछ हफ्तों में कई राज्यों में कोविड मामलों में बढ़ोतरी हुई है और नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक जेएन.1 सब-वैरिएंट की उपस्थिति का पता चला है. INSACOG के अनुसार, इन राज्यों में केरल (78 मामले), गुजरात (34 मामले), कर्नाटक (8 मामले), महाराष्ट्र (7 मामले), राजस्थान (5 मामले), तमिलनाडु (4 मामले), तेलंगाना (2 मामले) और दिल्ली (एक मामला) शामिल हैं.
दिसंबर में कोरोना के 141 मामलों में पाया गया जेएन.1
INSACOG के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में देश में दर्ज किए गए 141 कोविड मामलों में JN.1 की उपस्थिति थी, जबकि नवंबर में ऐसे 16 मामलों का पता चला था. डब्ल्यूएचओ ने जेएन.1 को इसके तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के एक अलग प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है लेकिन कहा है कि इससे वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम कम है.
कोरोना वायरस के जेएन.1 सब-वैरिएंट को पहले BA.2.86 वंश के हिस्से के रूप में वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) के रूप में वर्गीकृत किया गया था. विश्व संस्था ने कहा था कि मूल वंश को वीओआई के रूप में वर्गीकृत किया गया है. हालांकि, हाल के हफ्तों में कई देशों से जेएन,1 के मामले सामने आते रहे हैं और वैश्विक स्तर पर इसका प्रसार तेजी से बढ़ा है.
देश में कोविड मामलों की संख्या में बढ़ोतरी और जेएन.1 सब-वैरिएंट का पता चलने के बीच केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निरंतर निगरानी बनाए रखने के लिए कहा है.
एक दिन में सामने आए कोरोना के 702 मामले
पीटीआई के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार (28 दिसंबर) को कहा कि भारत में एक दिन में कोविड-19 के 702 मामले सामने आए, जिससे सक्रिय मामलों की संख्या 4,097 बढ़कर हो गई.
सुबह 8 बजे अपडेट किए गए मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 24 घंटे की अवधि में छह नई मौतें हुईं. 22 दिसंबर को देश में 752 नए मामले दर्ज किए गए थे. 5 दिसंबर तक दैनिक मामलों की संख्या घटकर दोहरे अंक में आ गई थी लेकिन नए वैरिएंट के सामने आने और ठंडे मौसम की स्थिति के बाद मामले फिर से बढ़ गए हैं.